bharat ki jalvayu भारत की जलवायु की पूरी जानकारी हिंदी में पढ़े ! Dear Students, पिछले आर्टिकल मे हम आप लोगो के लिए Success Mirror August 2018 PDF Hindi दोस्तों जैसा की आप लोग जानते है आने वाली आगामी परीक्षाओ जैसे कि UPPSC, SSC, Bank, Railway VDO लेखपाल अदि की परिक्षाए जल्दी होने वाली है जिसमे GS(general Study) बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहता है और उसमे भी भूगोल (Geography)जो कि GS का लगभग 15% से 20% Portion cover करता है इसलिए हमारी Team Gs की एक series start किया है जिसमे Geography के भारत की जलवायु portion के Handwritten notes जो की बहुत ही सरल तरीके से भारत की जलवायु के बारे मे समझाते है उम्मीद है
आप सब लोगो के लिए यह बहुत ही Helpful साबित होगा | Students ये हमारा एक प्रयास है आप लोगो को अगर कोई टॉपिक समझने में प्रॉब्लम है तो आप comment कर सकते है और यदि आप कुछ सुधार चाहते है तो आप अपने बहुमूल्य सुजाव दे आपका सदैव स्वागत है|
Recommended Testbook
20+ Free Mocks For RRB NTPC & Group D Exam |
|
10+ Free Mocks for IBPS & SBI Clerk Exam |
|
10+ Free Mocks for SSC CGL 2020 Exam |
|
Attempt Scholarship Tests & Win prize worth 1Lakh+ |
भारत की जलवायु
उष्णकटिबंधीय क्षेत्र
कर्क रेखा और मकर रेखा के मध्य का क्षेत्र उष्णकटिबंधीय क्षेत्र कहलाता है !
उष्णकटिबंधीय जलवायु
ऐसी जलवायु जिसमे मौसम बहुत गर्म और आद्र (humidity) होता है वह जलवायु उष्णकटिबंधीय जलवायु कहलाती है भारत का अधिकतम भाग उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में पड़ता है जिसके कारण भारत की जलवायु उष्णकटिबंधीय कटिबंधीय जलवायु है
जरुर पढ़े :- 100 GS सामान्य ज्ञान प्रश्न उत्तर आगामी परीक्षाओ के लिए महत्वपूर्ण !
भारत में जलवायु निर्धारण का मुख्य कार्य हिमालय पर्वत करता है हिमालय के उत्तर में शीतोष्ण जलवायु पाई जाती है और दक्षिण में उष्णकटिबंधीय जलवायु पाई जाती है चु कि भारत हिमालय के दक्षिण में स्थित है इसी कारण भारत में उष्णकटिबंधीय जलवायु पाई जती है |
मानसून
मानसून अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है मौसम |
भारत में दो प्रकार की मानसूनी हवाएँ पाई जाती है –
- उत्तर पूर्वी मानसूनी हवाएँ
- दक्षिण पश्चिमी मानसूनी हवाएँ
उत्तर पूर्वी मानसूनी हवाएँ
सर्दियों के मौसम में भारत में उत्तर की ओर से आने वाली मानसूनी हवाओ को उत्तर पूर्वी मानसूनी हवाएँ कहा जाता है| यह हवाएँ तमिलनाडु के कोरोमंडल तट पर ठंडी के समय में वर्षा करती है|
दक्षिणी पश्चिमी मानसूनी हवाएँ
भारत के दक्षिण पश्चिम भाग से उठने वाली हवाएँ जो हिंद महासागर से प्रचुर मात्रा मे अद्रता को ग्रहण करती है दक्षिणी पश्चिमी मानसूनी हवाएँ कहलाती है भारत में अधिकतम वर्षा (लगभग 90-92%) इन्ही मानसूनी हवाओ द्वारा होती है
About भारत में वर्षा
भारत में दो ऋतुओ में वर्षा होती है
- ग्रीष्म ऋतु (जून से सितम्बर) June – September
- शीत ऋतु(20 दिसंबर – मार्च)
भारत में शीत ऋतुकालीन वर्षा
भारत में शीतकालीन वर्षा दो तरह की हवाओ के द्वारा होती है
- पश्चिमी विछोभ
- उत्तर पूर्वी मानसूनी हवाएँ
पश्चिमी विछोभ
यह एक शीतोष्ण चक्रवात है जिसकी उत्पाती भूमध्यसागर में होती है | पश्चिमी विछोभ होने वाली वर्षा पहाड़ी क्षत्रो में बर्फ के रूप मे एवं पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में जल बूंदों के रूप में होती है | शीत ऋतु में भूमध्य सागर में एक शीतोष्ण चक्रवात का जन्म होता जिसको जेट धारा पश्चिम से पूर्व की ओर प्रोवाहित करती है | भूमध्य सागर कालासागर और कैस्पियन सागर के उपर से प्रवाहित होने के यह शीतोष्ण चक्रवात नमी को प्रचुर मात्र में एकत्रित कर लेता है |
जेट धारा
आम तौर पर वर्ष भर हिमालय के उत्तर में मध्य एशिया तिब्बत और चीन में धरातल से 6 से 12 किलो मीटर की उचाई पर छोभ मंडल सीमा के पास पश्चिम से पूर्व की ओर प्रवाहित होने वाली धारा को जेट धारा कहते है |
जरुर पढ़े :- Download करे Free में PDF NCRT बुक की 6 to 12 Class Geography Notes
शीत ऋतु में जब सूर्य दक्षिणायन होता है तो पश्चिम से पूर्व की ओर बहने वाली जेट धारा दक्षिण की ओर खिसक जाती है परिणाम स्वरुप हिमालय जेट धारा के बीच में आ जाता है और जेट धारा को दो दक्षिणी और उत्तरी शाखा में बाँट देता है|
इस पश्चिमी विछोभ के द्वारा शीत ऋतु में वेर्षा होती है तब उत्तरी भारत में रबी की फसल होती है जिसके लिए यह बहुत ही लाभकारी होती है और पहाड़ी क्षत्रो में सेब की फसल के लिए लाभकारी होती है|
पश्चिमी पक्षुआ जेट धारा की दक्षिणी शाखा हिमालय के दक्षिण में भारत के उत्तर पूर्वी इलाको में पश्चिम से पूर्व की ओर प्रवाहित होने लगती है यह शाखा अपने साथ भूमध्य सागर से पश्चिमी विछोभ बहा कर लाती है जिसके कारन भारत में सर्दियों में वर्षा होती है इससे उत्तर भारत के पहाड़ी मैदानों में हिमपात होता और मैदानों में पानी के रूप मे वर्षा होती है
उत्तर पूर्वी मानसून
यह मानसूनी हवाएँ भारत के अधिकाश क्षेत्र में वेर्षा नही कर पाते लेकिन तमिलनाडु के कोरोमंडल तट पर खूब वर्षा होती है
bharat ki jalvayu pdf
शीत ऋतु में मौसम की क्रिया विधि
उत्तर पूर्वी मानसून
सर्दियों के मौसम में भारत में पश्चिमी विछोभ एवं उत्तर पूर्वी मानसून के कारण वर्षा होती है | पश्चिमी विछोभ के कारन भारत के उत्तरी पहाड़ी एवं मैदानी क्षेत्र में वर्षा होती है वही उत्तरी पूर्वी मानसून के द्वारा तमिलनाडु के कोरोमंडल तट पर वर्षा होती है|
विषुवत रेखा पर साल भर सूर्य की लमबोवत किरने पड़ती है जिसके कारन धरती बहुत गरम हो जाती है जिस्से विषुवत रेखा पर उठने हवाएँ ऊपर की ओर उठती रहती है इसके कारन विषुवत रेखा पर वर्ष भर निम्न वायुदाब का क्षेत्र बना रहता है जिसे विषुवत रेखीय निम्न दाब कहा जाता है विषुवत रेखीय निम्न्न दाब भरने के लिए 35° दक्षिण गोलार्ध और 35° उत्तरी गोलार्ध से हवाएँ चल पड़ती है जिनको व्यापारिक पवने कहा जाता है |
व्यापारिक पवने 35° से 0° के क्षेत्रों को भर देती है यह पवने सीधे विषुवत रेखा में न जा कर पश्च्जिम की ओर चल पड़ती है इसलिए क्योंकि फेरल के नियम के अनुसार उत्तरी गोलार्ध से आने वाली हवाएँ अपने दाए तरफ और दक्षिणी गोलार्ध से आने वाली हवाएँ अपने बाए तरफ मुड जाती हवाएँ है इसका परिणाम यह होता है कि व्यापारिक पवने पश्चिम की ओर मुड जाती है|
ITCZ – (inter tropic conversion zone)
सूर्य की लम्बवत किरणें वर्ष भारत विषुवत रेखा पर पड़ती है जिसके कारन ITCZ क्षेत्र विकसित हो जाता है पृथ्वी के अपने अंश पर झुके होने के कारण सूर्य की किरने कभी उत्तारायण होती है कभी दक्षिणयान होती है | जब सूर्य की किरने दक्षिणयान होती है तब व्यापारिक पवने भारत में प्रवेश करती है यही व्यापारिक पवने उत्तर- पूर्वी पवने| उत्तर- पूर्वी स्थल खंडो से हो कर आती है इसलिए उनमें नामी नही होती है व उत्तर पूर्वी व्यापारिक पवनो का वो भाग जो बंगाल की खाड़ी से होकर प्रवाहित होती है वे पवने भरपूर मात्र में बंगाल की खाड़ी से नमी चुरा लेती है और जब यह पवने तमिलनाडु में पहुचती है तब पूर्वी घाट से टकरा कर तमिलनाडू के कोरोमंडल तट पर वर्षा करती है|
इन्हें भी पढ़े :-
- Vajiram Geography Handwritten Notes PDF Download
- Most important 250 Geography GK (भूगोल प्रश्नोत्तरी) PDF
- Geography MCQ प्रश्न-उत्तर PDF Download in Hindi
- NCERT Geography Book PDF in Hindi
- India and World Geography by Majid Husain eBook Download